संधि किसे कहते है? संधि के कितने भेद होते हैं?

संधि किसे कहते है? संधि के कितने भेद होते हैं? (Sandhi Ke Kitne Bhed Hote Hai) – आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे संधि किसे कहते है? संधि के कितने भेद होते हैं? (Sandhi Ke Kitne Bhed Hote Hai) साथ ही संधि से भेद के बारे में सभी तरह के जानकारी प्राप्त करेंगे हम इस लेख में तो यदि आप भी संधि किसे कहते है? Sandhi Ke Kitne Bhed Hote Hai यह जानने के लिए आए है तो इस लेख को अंत तक पढ़े। इसमें संधि के बारे में सभी जानकारी मिलगा।

Sandhi Kise Kahate Hain  

संधि किसे कहते है? – Sandhi Kise Kahate Hain  

संधि किसे कहते है? (Sandhi Kise Kahate Hain) – दो समान वर्णो के मेल से होने वाले विकार (बदलाव) को संधि कहते है। इसका शाब्दिक अर्थ समझौता होता है। आसान शब्दों में समझे तो दो वर्ण या अक्षरों को जोड़ना ही संधि कहलाता है।

जैसे – विद्या + आलय = विद्यालय इस तरह से विद्यालय में प्रथम शब्द का अंतिम वर्ण द्या है। जिसमे आ की ध्वनि उत्पन हो रही है। जबकि दूसरे शब्द का प्रथम वर्ण में अ की ध्वनि उत्पन हो रही है। इस प्रकार से दोनों को जोड़ कर एक नया शब्द बनता है विद्यालय होता है।

संधि के कितने भेद होते हैं? – Sandhi Ke Kitne Bhed Hote Hai

संधि के तीन भेद होते है।

  1. स्वर संधि
  2. व्यंजन संधि
  3. विसर्ग संधि

स्वर संधि किसे कहते है?

जब किसी वर्ण में स्वर के बाद स्वर आता है और उन दो स्वरों के जोड़ने से जो बदलाव होता है। उसे स्वर संधि कहते हैं। आसान शब्दों में दो स्वरों के आपस में मिलने से जो शब्द बनता है। वह स्वर संधि कहलाता है। जैसे – रजनी + ईश = रजनीश, भाव + अर्थ = भावार्थ। 

स्वर संधि के पांच भेद होते है।

  • दीर्घ संधि
  • गुण संधि
  • वृद्धि संधि
  • यण संधि
  • अयादि संधि

दीर्घ संधि किसे कहते है?

दीर्घ संधि, दीर्घ का मतलब बड़ा या लंबे अंतराल वाला होता है। यदि किसी संधि के वर्ण में अ,इ,उ स्वर आए तो दोनों से मिलकर बनने वाले शब्द को दीर्घ संधि कहते है।

दीर्घ संधि उदाहरण –

अ + अ = आ

  • दीप + अवली = दीपावली
  • मत + अनुसार = मतानुसार

अ + आ = आ

  • पुस्तक + आलय = पुस्तकालय
  • सत्य + आग्रह = सत्याग्रह

आ + अ = आ

  • विद्या + अर्थी = विद्यार्थी
  • परीक्षा + अर्थी = परीक्षार्थी

आ + आ = आ

  • विद्या + आलय = विद्यालय
  • प्रतीक्षा + आलय = प्रतीक्षालय

इ + इ = ई

  • मुनि + इंद्र = मुनींद्र
  • कवि + इंद्र = कवींद्र

इ + ई = ई

  • परी + ईक्षा = परीक्षा
  • हरि + ईश = हरीश

ई + इ = ई

  • लक्ष्मी + इच्छा = लक्ष्मीच्छा
  • मही + इंद्र = महीन्द्र

ई + ई = ई

  • रजनी + ईश = रजनीश
  • नारी + ईश्वर = नारीश्वर

उ + उ = ऊ

  • भानु + उदय = भानूदय
  • गुरु + उपदेश = गुरूपदेश

उ + ऊ = ऊ

  • लघु + ऊर्मि = लघूर्मि
  • अबु + ऊर्मि = अंबूर्मि

ऊ + उ = ऊ

  • वधू + उत्सव = वधूत्सव
  • भू + उत्सर्ग = भूत्सर्ग

ऊ + ऊ = ऊ

  • भू + ऊष्मा = भूष्मा
  • भू + ऊर्जा = भूर्जा

गुण संधि किसे कहते है?

जब किसी शब्द मे अ और आ के बाद इ, ई, उ, ऊ और ऋ स्वर आए तो दोनों के मिलने से ए, ओ और अर् हो जाता है। इसे ही हम गुण संधि कहते है। 

गुण संधि के उदाहरण – 

अ + इ = ए

  • सूर + इंद्र = सुरेंद्र
  • नर + इंद्र = नरेंद्र

अ + ई = ए

  • नर + ईश = नरेश
  • परम + ईश्वर = परमेश्वर

आ + इ = ए

  • रमा + इंद्र = रमेंद्र
  • महा + इंद्र = महेंद्र

आ + ई = ए

  • रमा + ईश = रमेश
  • महा + ईश = महेश

अ + उ = ओ

  • मानव + उचित = मानवोचित
  • पर + उपकार = परोपका

अ + ऊ = ओ

  • सूर्य + ऊष्मा = सूर्योष्मा
  • नव + ऊढा = नवोढ़

आ + उ = ओ

  • महा + उत्सव = महोत्सव
  • महा + उदय = महोदय

आ + ऊ = ओ

  • महा + ऊष्मा = महोष्मा
  • गंगा + ऊर्मि = गंगोर्मि

अ + ऋ = अर

  • राज + ऋषि = राजर्षि
  • देव + ऋषि = देवर्षि

आ + ऋ = अर्

  • महा + ऋषि = महर्षि
  • दया + ऋषि = दयार्षि

वृद्धि संधि किसे कहते है?

वृद्धि संधि नियम के अनुसार जब अ या आ के बाद ए या ऐ आए तो बड़ा ऐ हो जाएगा वंही यदि अ और आ के पश्चात ओ या औ आए तो औ हो जाता है।

वृद्धि संधि के उदाहरण –

अ + ए = ऐ

  • एक + एक = एकैक
  • हर + एक = हरैक

अ + ऐ = ऐ

  • मत + ऐक्य = मतैक्य
  • तथा + एव = तथैव

आ + ऐ = ऐ

  • परम + ऐश्वर्य = परमैश्वर्य
  • महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य

अ + ओ = औ

  • वन + औषधि = वनौषधि
  • परम + ओजस्वी = परमौजस्वी

अ + औ = औ

  • वन + औषधि = वनौषधि
  • परम + औदार्य

यण संधि किसे कहते है?

जब किसी शब्द के अंतिम वर्ण में इ, ई, उ, ऊ और ऋ के बाद अलग स्वर आए तो इ और ई के जगह पर य हो जाता है। जिसे हम यण संधि कहते है।

यण संधि के उदाहरण –

  • इ + अ = य (अति + अधिक = अत्यधिक)
  • इ + आ = या (इति + आदि = इत्यादि)
  • इ + उ = यु (उपरी + उक्त = उपर्युक्त)
  • उ + अ = व (सु + अच्छ = स्वच्छ)
  • उ + आ = वा (सु + आगत = स्वागत)
  • उ + इ = वि (अनु + इति = अन्विति)
  • ऋ + अ = र (पितृ + अनुमति = पित्रनुमति)

अयादि संधि किसे कहते है?

यदि ए, ऐ, ओ, औ स्वरो का मेल दूसरे स्वरों से हो तो ए का अय ‘ऐ’ का ‘आय’ और ‘ओ’ का अव, औ का आव हो जाता है। जिसे अयादि संधि कहते है।

अयादि संधि के उदाहरण – 

  • ए + अ = आय (शे + अन = शयन)
  • ऐ + अ = आय (नै + अक = नायक)
  • ओ + अ = अव (भो + अन = भवन)
  • औ + अ = आव (पौ + अन = पावन)

व्यंजन संधि किसे कहते है?

यदि व्यंजन वर्ण के साथ व्यंजन वर्ण या स्वर वर्ण की संधि से व्यंजन में कोई विकार (बदलाव) उत्पन्न हो तो उसे व्यंजन संधि कहते है।

व्यंजन संधि के नियम – 1. वर्ग के प्रथम वर्ण का तृतीय वर्ण में बदलना

उदाहरण

  • क् का ग् (दिक् + अंबर = दिगंबर)
  • च् का ज् (अच् + अंत = अजंत)
  • ट् का ड् (षट् + आनन = षडानन)
  • त् का द् (जगत् + ईश = जगदीश)
  • प् का ब् (अप् + धि = अब्धि)

व्यंजन संधि के नियम – 2. वर्ग के प्रथम वर्ण का पंचम वर्ण में बदलना

उदाहरण –

  • क् का ङ् (वाक् + मय = वाङ्मय)
  • ट् का ण् (षट् + मुख = षण्मुख)
  • त् का न् (उत् + मत्त = उन्मत्त)

विसर्ग संधि किसे कहते हैं?

विसर्ग संधि जब विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन दोनों को मेल से जो विकार (बदलाव) होता है उसे विसर्ग संधि कहते है। जैसे मन: + योग = मनोयोग, अंतः + करण = अन्तकरण इत्यादि विसर्ग संधि के उदाहरण है।

विसर्ग संधि के कुछ प्रमुख नियम – 1. जब विसर्ग का ‘ओ’ होगा।

जब विसर्ग से पहले अ और बाद में अ यह प्रत्येक वर्ग का तीसरा, चौथा, पांचवा वर्ण इसके अतिरिक्त य, र, ल, व हो तो विसर्ग ओ हो जाता है। जैसे तप: + बल = तपोबल, वय: + वृद्ध = वयोवृद्ध इत्यादि उदाहरण है।

विसर्ग संधि के कुछ प्रमुख नियम – 2. जब विसर्ग का ‘र्’ होगा।

जब विसर्ग पहले अ, आ को छोड़कर कोई दूसरा स्वर हो और बाद में आ, उ, ऊ, या प्रत्येक वर्ग का तीसरा, चौथा पांचवा वर्ण हो तो विसर्ग का ‘र्’ हो जाता है। जैसे नि: + धन = निर्धन, दु: + ऊह = दुरुह इत्यादि उदाहरण है।

यह भी पढ़े

निष्कर्ष – संधि किसे कहते है? संधि के कितने भेद होते हैं?

हमें उम्मीद है की संधि किसे कहते है? संधि के कितने भेद होते हैं? – Sandhi Ke Kitne Bhed Hote Hai यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसमें हम संधि किसे कहते है? Sandhi Ke Kitne Bhed Hote Hai यह सभी जानकारी इस लेख में दी है। साथ ही इसके उदाहरण को बहुत अच्छे से समझाया है। इस लेख से जुड़ी आपके मन में किसी भी तरह का प्रश्न है तो आप हमसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है। Facebook पर फॉलो करें। 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top