Holi Essay in Hindi (होली पर निबंध) – आज के हम इस लेख में होली पर निबंध लिखने वाले है। होली पर निबंध हमें अक्सर स्कूल में लिखने को मिलता है। साथ यह निबंध हमारे परीक्षा में भी लिखने को मिलता था। तो यदि आप भी होली पर लेख लिखना चाहते है तो हमारे इस लेको को अंत तक पढ़े।
होली पर निबंध 250 शब्दों में – Holi Essay in Hindi
होली यह भारत के प्रसिद्ध त्योहार में से एक है। जो हमारे देश भारत और नेपाल में मनाया जाता है। इसे रंगों के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि उत्सव के दौरान लोग एक दूसरे पर रंगीन पाउडर (गुलाल) लगाते है। साथ ही रंगीन पानी एक दूसरे के ऊपर फेंकते हैं। यह त्योहार आमतौर पर फाल्गुन (मार्च) के हिंदू कैलेंडर माह की पूर्णिमा के दिन वसंत ऋतु में आयोजित की जाती है।
इस त्यौहार में घर की महिलाएं सुबह से उठ कर ही तरह तरह की पकवान बनाने की तैयारी करने लगती है। वंही छोटे बच्चे सुबह से ही एक दूसरे को रंग लगाने लगते है। होली पर सभी जगह पर रंग ही रंग बिखरे रहते है। सभी लोगो की चेहरे पर एक उत्साह की मुस्कान होती है। छोटे से लेकर बड़े तक सभी मिल कर इस त्योहार का आनंद लेते है। कुछ लोग होली में भांग और ठंडाई भी पीते है।
इस दौरान लोग अपने से बड़े लोगो की पैर छू कर आश्रीवाद लेते है। होली के त्यौहार में सभी के घर में तरह के पकवान बनते है। जिसमें गुजिया, दही वड़ा, गुलाब जामुन प्रमुख हैं। लोग मनोरंजन के लिए मंजीरा, ढोलक पर नाचते और गाते है। होली के एक दिन पहले गावं व शहरों में हम सभी होलिका दहन करते है। यह भगवान की असीम शक्ति का प्रमाण तथा बुराई पर अच्छाई की जीत का ज्ञान को दर्शाता है।
जंहा एक समय में होली के त्यौहार में लोग मंदिरों में कृष्ण और राम के भजन गाते थे। वहीं गांव में लोगों द्वारा ढोलक मंजिरों के ताल पर लोकगीत गया जाता था। लेकिन इस बदलते समय में सबकुछ बदल गया है, और बहुत कुछ बदलने वाला है।
होली पर निबंध 300 शब्दों में – Holi Essay in Hindi 300 Words
प्रस्तावना – होली हमारेभारत देश की प्रमुख त्योहार है। जिसे मार्च महीना में मनाया जाता है। यह त्योहार हमारे देश भारत के अलावा नेपाल में भी मनाया जाता है। यह बहुत आनंद और उत्सव का त्योहार है। इस हम लोग एक दूसरे को रंग लगाकर इस त्योहार को सेलिब्रेट करते है।
इसे अक्सर “प्यार का त्योहार” या “रंगों का त्योहार” भी कहा जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है। होली एक बहुत ही सामाजिक और उत्सव का अवसर है, जिसमें संगीत, नृत्य और दावत समारोह के महत्व हैं।
होली का त्यौहार – होली रंगों का त्योहार है, जो भारत और नेपाल देश में और दुनिया भर में भारतीय मूल के लोगों द्वारा प्रतिवर्ष मनाया जाता है। यह त्योहार मार्च महीना में मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इसे महीने को फाल्गुन कहा जाता है।
इस त्यौहार में हम पहले अपने दोस्तों के साथ पानी वाले रंग को एक दूसरे के उपर लगाते है। उसके बाद रंगीन पाउडर यानि गुलाल को एक दूसरे को लगाते है। वंही अपने से बड़े लोगो को पैर में गुलाल रख कर उन से आशीर्वाद लेते है।
वंही हम सभी के घर के पुरुष लोग अपने लोकगीत गाते और नाचते है। कुछ लोग भांग भी पीते है। भांग एक प्रकार की पिने पदार्थ होता है। होली मतभेदों को दूर करने और एकता और प्रेम में एक साथ आने का समय है। यह एक खुशी का अवसर है, और सभी उम्र के लोग इस त्यौहार का आनंद लेते है।
होली क्यों मनाया जाता है? – यह त्योहार भगवान श्री कृष्ण के साथ भी जुड़ा हुआ है, जिनके बारे में माना जाता है कि गांव की लड़कियों को पानी और रंगीन पाउडर से भिगोकर उनका मज़ाक उड़ाती थी।
होली की उत्पत्ति प्राचीन हिंदू पौराणिक कथाओं में देखी जा सकती है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, होली राक्षस राजा हिरण्यकशिपु की मृत्यु का स्मरणोत्सव है, जिसे भगवान विष्णु ने शेर के रूप में मार डाला था। एक अन्य कथा में कहा गया है कि होली भगवान कृष्ण और उनकी भक्त राधा के बीच दिव्य प्रेम का उत्सव है।
होली क्यों मनाया जाता है? कहानी
त्योहार से जुड़ी कई कथाएँ हैं। सबसे लोकप्रिय कहानियों में से एक राक्षस राजा हिरण्यकशिपु की कहानी है, जिसे देवताओं द्वारा वरदान दिया गया था। जिसने उसे लगभग अविनाशी बना दिया था। वह घमंडी हो गया और उसने मांग की कि उसके राज्य में हर कोई उसे भगवान के रूप में पूजा करेगा।
हालाँकि, उनके अपने बेटे, प्रहलाद ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, क्योंकि वह हिंदू भगवान विष्णु को मानते थे। हिरण्यकशिपु ने प्रहलाद को मारने की कई बार कोशिश की, लेकिन हर बार भगवान विष्णु ने प्रहलाद की रक्षा की थी।
अंत में, हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका से उसकी मदद करने के लिए कहने का फैसला किया। होलिका के पास एक विशेष लबादा (एक प्रकार का कपड़ा) था। जो उसे आग से प्रतिरक्षित बनाता था, इसलिए हिरण्यकशिपु ने उसे प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठने को कहा। लेकिन जब होलिका लबादा लपेट कर प्रहलाद को गोद में लेकर बैठी तभी वह लबादा होलिका से उड़ गया और प्रहलाद को आग की लपटों से बचाते हुए उसे ढँक दिया।
होलिका जलकर मर गई और प्रहलाद बाल-बाल बच गए। इस कहानी को होली के दौरान याद किया जाता है और अक्सर बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है। इसीलिए हर साल इसे होली के रूप में मनाया जाता है।
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निष्कर्ष – होली पर निबंध
उम्मीद है की हमारे द्वारा लिखी गई होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi) आप सभी पसंद आया होगा हमने इस लेख में होली पर निबंध 250 शब्दों में 300 शब्दों में आप सभी के लिए लिखी है। होली एक भारतीय त्यौहार है जो हर वर्ष फरवरी या मार्च माह में मनाया जाता है। इसका महत्व धर्म, संस्कृति और परंपराओं से जुड़ा होता है। होली परंपराओं के अनुसार, यह हर बार नयी उम्र, नयी जीवन और नए रंगों का उत्सव होता है।