Water Pollution in Hindi (जल प्रदूषण पर निबंध): जल प्रदूषण से अभिप्राय झीलोंं, नदियों, समुद्रों और भूजल के जल के दूषित (Corrupted) होने से है। आपको बता दें की जल प्रदूषण आय दिन बढ़ते जा रहें हैं। इसका मुख्य कारण देश की बढ़ती जनसंख्या तथा बड़े बड़े उद्योग का निर्माण कराना।
Water Pollution (जल प्रदूषण) एक प्रमुख वैश्विक समस्या है। इसके लिए सभी स्तरों पर चल रहे मूल्यांकन की और जल संसाधन नीति में संशोधन की आवश्यकता है क्योंकि जल प्रदूषण के कारण पूरे विश्व भर में कई प्रकार की बीमारियाँ फैल रहीं है, और इसके करण लोगों की मौत भी हो रही है। जल प्रदूषण के कारण से लगभग विश्व में 14,000 लोग लोगों की मौत हो रही है। अगर भारत की बात करें तो इसके कारण भारत में लगभग 580 लोगों की मौत हो रहीं हैं।
Water Pollution in Hindi – जल प्रदूषण पर निबंध
जल प्रदूषण तीन प्रकार के होते हैं। – Water Pollution in Hindi
- भौतिक जल प्रदूषण (Physical Water Pollution)
- रासायनिक जल प्रदूषण (Chemical Water Pollution)
- जैविक जल प्रदूषण (Organic Water Pollution)
भौतिक जल प्रदूषण (Physical Water Pollution)
भौतिक जल प्रदूषण से जल की गन्ध, स्वाद एवं ऊष्मीय गुणों में परिवर्तन हो जाता है।
रासायनिक जल प्रदूषण (Chemical Water Pollution)
रासायनिक जल प्रदूषण, जल में विभिन्न उद्योगों एवं अन्य स्रोतों से मिलने वाले रासायनिक पदार्थों के कारण होता है।
जैविक जल प्रदूषण (Organic Water Pollution)
जल में विभिन्न रोग जनक जीवों के प्रवेश के कारण प्रदूषित जल को जैविक जल प्रदूषण कहा जाता है।
Jal Pradushan Ke Karan – जल प्रदूषण के कारण
जल प्रदूषण का सीधा सम्बन्ध जल के अत्याधिक उपयोग करने से है। शहरो में पर्याप्त मात्रा में जल का उपयोग किया जाता है और घरो, फैक्टोरियों आदि स्थानों से निकलने वाले अपशिष्ट और अशुद्ध जल को सीवरों तथा नालियों द्वारा जलस्त्रोतों में गिराया जाता है। साथ ही यह अपशिष्ट जल अनेक विषैले रासायनों एवं कार्बनिक पदार्थों से युक्त होता है। जिससे जल स्रोतों का स्वच्छ जल भी प्रदूषित हो जाता है। निचे हम इस आर्टिकल में जल प्रदुषण के कारन के बारे में लिखा है।
प्राकृतिक जल प्रदुषण – Natural Water Pollution
प्राकृतिक रूप से जल प्रदूषण जल में भूक्षरण खनिज पदार्थ, पौधों की पत्तियों एवं ह्यूमस {सड़ी पत्तियों की मिट्टी} पदार्थ तथा प्राणियों के मल-मूत्र आदि के मिश्रण से होता है। एकत्रित जल में खनिजों की मात्रा अधिक होने के कारण इनमें आर्सेनिक, सीसा, कैडमियम एवं पारा आदि मिक्स हो जाते है।
साथ ही विषैले पदार्थों के अतिरिक्त निकिल, बेरियम, बेरीलियम, कोबाल्ट, टिन, वैनेडियम आदि भी जल में अल्प मात्रा में प्राकृतिक रूप से मिले होते हैं। अत्यधिक अनुकूल सान्द्रता के कारण यह हानिकारक हो जाते हैं। यह है प्राकृतिक जल प्रदुषण।
मानवीय जल प्रदुषण – Human Water Pollution
मानवीय कारण से जल प्रदूषण अलग अलग प्रकार से होते है। जिसका कारन निचे दिया गया है।
घरेलू अपशिष्ट पदार्थ के द्वारा
विभिन्न दैनिक घरेलू कार्यों तथा खाना पकाने, नहाने, कपड़ा धोने एवं अन्य सफाई कार्यों में विभिन्न पदार्थों का उपयोग किया जाता है। जो अपशिष्ट पदार्थों के रूप में घरेलू नालियों में बहा दिए जाते हैं। जो अन्ततः जलस्रोतों में जाकर गिरते हैं। ऐसे ही सड़े हुए फल, सब्जियाँ, रसोई घरों से निकली चूल्हे की राख, विभिन्न तरह का कूड़ा-करकट आदि प्रदूषणकारी अपशिष्ट पदार्थ होते हैं। जो जलस्रोतों से मिलकर जल प्रदूषण का कारण बनते हैं। भारत की बात करे तो यह यह दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहा है। यह है मानवीय जल प्रदुषण।
मल का जल में बहाव
जल में मानव मल के मिश्रित होने के रूप में ही संदर्भित किया गया है। मुख्यतः मानव मल में बैक्टीरिया पाए जाते है और यदि यह जल में मिश्रित हो जाते है तो यह उस जल को भी प्रदूषित कर देते है
और यह जल मानव उपयोग के लिये अयोग्य समझा जाता था। एक रिसर्च के अनुसार एक वर्ष में 10 लाख व्यक्तियों पर 5 लाख टन मल {Sewage} उत्पन्न होता है, जिसका अधिकांश भाग समुद्र एवं नदियों में मिलता है।
औद्योगिक बहाव
कई कंपनी में प्रोडक्शन के बाद अनेक अपशिष्ट पदार्थ बच जाते है जिन्हें औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थ कहा जाता है। ये अपशिष्ट पदार्थ में कई प्रकार के अम्ल, क्षार, लवण, तेल, वसा आदि विषैले रासायनिक पदार्थ होते है। ये सब जल में मिलकर जल को विषैला बनाकर प्रदूषित कर देते हैं।
कृषि बहाव
वर्तमान समय में भारत में फसलों से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए भारतीय किसानों द्वारा अनेक प्रकार की रासायनिक खाद डाली जा रही है। इसके साथ साथ ही कीटनाशक दवाओं का प्रयोग भी तीव्र गति से किया जाता है। वर्षा के समय यह खाद जल में मिक्स हो जाती है जिसके कारण यह पीने योग्य जल को अशुद्ध करती है।
जल प्रदूषण के प्रभाव – Effects of Water Pollution in Hindi
Effects of Water Pollution in Hindi: जल प्रदूषण के दुष्प्रभाव (Side effects) जलीय जीवन और मानवीय जीवन दोनों के लिए हानिकारक हैं। जलीय जीवन पर जल प्रदूषण का दुष्प्रभाव पर क्या है? तथा मानवीय जीवन पर जल प्रदूषण का दुष्प्रभाव क्या है? दोनों की जानकारी हमने निचे लिखा है।
जलीय जीवन पर जल प्रदूषण का दुष्प्रभाव
औद्योगिक क्षेत्रो से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थो में कई प्रकार के विषैले पदार्थ मिले होने के कारण यह जलीय जीवन को नष्ट कर देते है। इस तरह यह अनेक पादपों एवं जन्तुओं का विनाश करता है।
मानवीय जीवन पर जल प्रदूषण का दुष्प्रभाव
मानवीय जीवन पर जल प्रदुषण का दोष प्रभाव दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। यह भारत के लोगो के लिए एक गम्भीर खतरा बना हुआ है। एक रिसर्च के अनुसार लगभग 2/3 बीमारियों का कारण प्रदूषित जल है। आपको बता दे की पीने वाले पानी के साथ-साथ रोगवाहक बैक्टीरिया, वायरस, प्रोटोजोआ मानव शरीर में पहुँचकर हैजा, टाइफाइड, शिशु प्रवाहिका, पेचिश, पीलिया, अतिशय, यकृत एप्सिस आदि जैसे भयंकर रोग उत्पन्न करते है।
यह जल के साथ रेडियोधर्मी पदार्थ भी मानव शरीर में प्रविष्ट कर यकृत, गुर्दे एवं मानव मस्तिष्क पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। इस प्रकार प्रदूषित जल हमरे जीवन पर प्रभाव डाल रहे है।
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Conclusion – Water Pollution in Hindi
दोस्तों हमें उम्मीद है की StudentExam.in के माध्यम से लिखी गई Water Pollution in Hindi यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा। हमने इस पोस्ट Water Pollution in Hindi एक निबंध के माध्यम से आपके लिए लिखा है। इस निबंध का उपयोग आप अपने स्कूल और कॉलेज में जल प्रदूषण के बारे लिख सकते है। साथ ही आप हमें Facebook पर फॉलो कर सकते है।